हमराही

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Tuesday, June 21, 2016

जो हम तुम मिले थे [ गजल ]


वो गुजरा जमाना जो हम तुम मिले थे 

है बीता फ़साना जो हम तुम मिले थे|

बदलना अँगूठी को इक दूसरे से 
वो दिन था सुहाना जो हम तुम मिले थे|


बिना तेरे सूने हैं दिन और रातें
न भूले जमाना जो हम तुम मिले थे|
वो करवे की थाली वो श्रृंगार सोलह
वो गजरा लगाना जो हम तुम मिले थे|

वो बिस्तर वो तकिया वो पायल है गुमसुम
सभी देते ताना जो हम तुम मिले थे |

जिये संग सरिता ने अनमोल लम्हे 
न आये भुलाना  जो हम तुम मिले थे|
.... 21 जून,2016.

Saturday, June 18, 2016

आरक्षण


आरक्षण का भूत फिर,लाया है भूचाल।
भूले सब इंसानियत, बुनते हैं नित जाल।। 


आरक्षण की रेवड़ी ,ले घूमें चहुँ ओर |
मौसेरे भाई सभी ,और सभी हैं चोर || 


भारत मेरा जल रहा , कैसा मचा बवाल।
नेता देखें वोट को ,जनता है बेहाल।।

आरक्षण के नाम से,बाँटो मत अब देश |
यहाँ बसें इंसान सब,लिए अलग परिवेश ||

आरक्षण दिव्यांग को,या दो किसी अनाथ।
जात धर्म को छोड़कर ,दो गरीब का साथ।।
*****



Saturday, June 4, 2016

पर्यावरण गीत

आओ मिलकर पेड़ लगायें 
धरती को हम स्वर्ग बनायें

हरियाली कर छाँव बढाकर
रंग बिरंगे पुष्प खिलाकर
इस बगिया को स्वच्छ बनायें
धरती को ...


सीता,शबनम,राम,सुनीता 
अफजल,पीटर,श्याम,अनीता
शेर सिंह को साथ बुलायें
धरती को ...

यह है तेरा ,वो है मेरा 
राग द्वेष ने डाला डेरा 
आओ मिल मतभेद मिटायें 
धरती को ...

जंगल जंगल आग लगाकर
प्रदूषन सब ओर फैलाकर
ग्लोबल वार्मिंग नहीं बढ़ायें 
धरती को ...

संग चलें सब नहीं अकेले
लगे रहें दुनिया के मेले 
एक एक सब पेड़ लगायें
धरती को ...

पर्यावरण को शुद्ध बनाकर
हरियाली चहुँ ओर बढ़ाकर
जीने लायक इसे बनायें
धरती को ...
5जून,2016