हमराही

सुस्वागतम ! अपना बहुमूल्य समय निकाल कर अपनी राय अवश्य रखें पक्ष में या विपक्ष में ,धन्यवाद !!!!

Monday, January 26, 2015

आओ फिर गणतंत्र मनायें

आओ फिर गणतंत्र मनायें 
आजादी की अल्ख जगायें 

सत्य अहिंसा का दे मंत्र 
हर्ष दे रहा है गणतंत्र 
फिर से प्रेम मशाल जगायें 
आओ फिर ...

तोपों की दे रहे सलामी 
दूर हुई थी आज गुलामी 
राष्ट्र ध्वज फिर से फहरायें 
आओ फिर ...

सजे ऊँट घोड़े और हाथी 
चलते ताल मिलाकर साथी 
झाँकियों में भारत दिखलायें  
आओ फिर ...

विजय चौक बना बहुरंगा 
ऊँचा उड़ता जाये तिरंगा 
अमर जोत पर शीश नवायें  
आओ फिर ...

अपने खून से खेली होली 
सीने पर खाई थी गोली  
हम भी अपना फर्ज निभायें 
आओ फिर...

आजाद हिन्द की फ़ौज बनाकर 
आजादी के नगमें गाकर  
अब तो सोया देश जगायें 
आओ फिर ...

सेवा त्याग ईमान यहाँ हो 
नारी का सम्मान वहाँ हो 
ऐसी इक पहचान बनायें 
आओ फिर ...

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई 
मिलजुल सारे भाई भाई 
इस मिटटी की शान बढायें
आओ फिर ...

असली आजादी हो तब
भ्रष्ट तंत्र ख़त्म हो जब  
भारत को सिरमौर बनायें 
आओ फिर ....
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Sunday, January 25, 2015

ऋतुराज [ कुण्डलिया ]

जाने वाला है शिशिर ,अब ऋतुराज तैयार  
धानी चुनरी ओढ़कर ,धरा किया श्रृंगार 
धरा किया श्रृंगार ,झूमती डाली डाली
प्रफुल्लित ह्रदय आज ,भरी है बगिया खाली
पुष्पों को अब चूम ,लगे हैं भँवरे गाने 
छाया नव उत्साह , शीत लगा अभी जाने |
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Saturday, January 24, 2015

बसंत दोहावली

माघ शुक्ल की पंचमी ,शुरू हुआ मधुमास
सत्य,स्नेह,साहस सहित,ह्रदय भरे उल्लास |

बसंत ऋतु का आगमन, जाग उठी शुभ चाह
शांत ,शीत, ठंडी पवन , लाई नव उत्साह  |

फूलों की हैं मस्तियाँ ,छाने लगी बहार  
कहें मुबारक आपको ,बसंत का त्यौहार |

वर देना माँ शारदे, विद्द्या ,बुद्दि औ ज्ञान 
प्रफुल्लित ह्रदय आज हो,करें सभी का मान | 

माँ सरस्वती का लगे ,श्वेत धवल शुभ रूप 
हाथों में वीणा लिए ,देवी का स्वरूप |
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Thursday, January 22, 2015

क्षणिका 1

1.
बढ़ रही हैं आशाएँ 
अनजानी 
पहचानी 
रूहानी 
ग्लोबल वार्मिंग की मानिंद 
सिमट रही हैं खुशियाँ 
तेरी 
मेरी 
अपनों की 
ग्लेशियर की मानिंद
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Sunday, January 18, 2015

माँ की बेटी को सीख


लक्ष्मी है तू गेह की, तू मेरा सम्मान 
सबको देना मान तू ,भाई पिता समान |

बेटी है तो क्या हुआ,तू है घर की लाज 
तू मेरा अभिमान है, तू मेरी आवाज |

बनना मत तू दामिनी,सहकर अत्याचार 
लेना दुर्गा रूप तू ,करना तू संहार |

शत्रु सामने हो अगर ,मत होना भयभीत 
करना डट कर सामना, निश्चित होगी जीत |

मत घबराना तू कभी, जो हो जग बेदर्द 
तू है दुर्गा कालिका ,मत सहना तू दर्द |

जिसका तुझसे हो भला,उसके आना काम 
अबला नारी जो दिखे ,उसको लेना थाम ||

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Tuesday, January 13, 2015

बनना मत तू दामिनी [कुण्डलिया]

बनना मत तू दामिनी, सहकर अत्याचार 
धरना दुर्गा रूप तू, करना तब संहार 
करना तब संहार, दिखे कोई जो रावण 
ले काली का रूप, धरा को करना पावन 
अबला लेना थाम, उसे यूँ प्रेरित करना 
सरिता करे पुकार, दामिनी मत तू बनना 
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Monday, January 12, 2015

कुण्डलिनी

क्या अच्छे दिन आ गए, जनता करे सवाल 
बिजली पानी सब्जियाँ ,क्यों मँहगी हर दाल 
क्यों महँगी हर दाल , भूख ने सबको मारा 
जीत गई सरकार , आम शक्स अभी हारा  
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Saturday, January 10, 2015

हिम्मत है फौलाद [कुण्डलिया ]

बच्चा वो नादान है, लेकिन मन में चाह 
झंडा लेकर हाथ में, निकला अपनी राह 
निकला अपनी राह, रहे ना काम अधूरा 
देकर वो बलिदान, करेगा सपना पूरा 
बढ़ता है निष्काम , राह हो चाहे कच्चा 
हिम्मत है फौलाद,समझ उसे न बच्चा ||
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